MARC details
000 -LEADER |
fixed length control field |
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008 - FIXED-LENGTH DATA ELEMENTS--GENERAL INFORMATION |
fixed length control field |
250113b2019 |||||||| |||| 00| 0 eng d |
020 ## - INTERNATIONAL STANDARD BOOK NUMBER |
International Standard Book Number |
9789388211390 |
082 ## - DEWEY DECIMAL CLASSIFICATION NUMBER |
Classification number |
H 891.433 |
Item number |
D9S8 |
100 ## - MAIN ENTRY--PERSONAL NAME |
Personal name |
Dwivedi, Hemant |
9 (RLIN) |
313904 |
245 ## - TITLE STATEMENT |
Title |
Suitcase mein zindagi: travelogue (सूटकेस में जिन्दगी: यात्रा-वृत्तान्त) |
260 ## - PUBLICATION, DISTRIBUTION, ETC. (IMPRINT) |
Name of publisher, distributor, etc |
Lokbharti Prakashan |
Date of publication, distribution, etc |
2019 |
Place of publication, distribution, etc |
Delhi |
300 ## - PHYSICAL DESCRIPTION |
Extent |
285 p. |
520 ## - SUMMARY, ETC. |
Summary, etc |
कहने को तो 'सूटकेस में जिन्दगी' यात्रा संस्मरण है, जीवन में आये छोटे बड़े पड़ावों, चीजों, जगहों और प्यार भरे लोगों के ' 'जीवन का यह एक छोटा सा इतिहास' ' भी है । इस यात्रा में गाँव-कस्बे हैं, छोटे-छोटे शहर आत्मीयता से मौजूद हैं । लखनऊ, इलाहाबाद, काशी, अयोध्या भी है । आगरा, ग्वालियर और भिंड भी । मुरादाबाद, नैनीताल और अल्मोड़ा के होने की अपनी वजहें भी हैं । दिल्ली है, जहाँ सब कुछ जा कर खो जाता है । लेकिन लेखक का मन ज्यादा रमता है अंतरंग इलाहाबाद में, जो न सिर्फ पचास सालों से ज्यादा भारतीय राजनीति के केन्द्र में रहा है, औसत उत्तर भारतीय युवा की आशा- निराशा का भी केन्द्र रहा है । जहाँ संगम है, कुम्भ है । एक छात्रावासी का सोना-जागना है, विश्वविद्यालय की धड़कने सी पड़ रही हैं । इस यात्रा में जीवन रूढ़ियाँ हैं, घिसी-पिटी परम्पराओं पर चोटें हैं और वह भी एक अजब खिलंदड़ेपन के साथ; इस दौरान परिवेश को अपनी पैनी नजर से टटोलने की भी प्रक्रिया चलती रहती है और इसी बहाने लेखक की खुद की बनावट-बुनावट का उसके अपने बनने की प्रक्रिया का भी पता चलता है । आपबीती- जगबीती का जो वृत्तांत यहाँ है, उसकी पृष्टभूमि में है वह दुनियां, जिसमें हम जी रहे हैं । जिन विकट मुश्किलों में हम घिरे हुये हैं । इसके साथ ही, यथास्थिति को बनाये रखने, बदलाव की प्रक्रिया को धीमा करने जैसी साजिशों की पड़ताल भी चलती रहती है । हेमन्त द्विवेदी का मन कविता में ज्यादा रमता है । इसकी छापें यहाँ भी हैं और जो बात कहने की नहीं है वह यह कि सारी आसानियों-दुश्वारियों के बाद भी रहना इसी दुनिया में है । ' 'मुझे तुम्हारा स्वर्ग नहीं चाहिये । मैं मनुष्य हो गया हूँ और धरती पर रहना चाहता हूँ ।<br/><br/><br/>http://10.200.0.21:8080/cgi-bin/koha/cataloguing/addbiblio.pl |
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM |
Topical term or geographic name as entry element |
Travel writers - India - Biography |
9 (RLIN) |
122255 |
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM |
Topical term or geographic name as entry element |
India - Description and travel |
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428414 |
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Topical term or geographic name as entry element |
Cities and towns - India - Description |
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650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM |
Topical term or geographic name as entry element |
Memoirs - Indian travel writers |
9 (RLIN) |
428440 |
942 ## - ADDED ENTRY ELEMENTS (KOHA) |
Source of classification or shelving scheme |
Dewey Decimal Classification |
Item type |
Hindi Books |