Vihangam: Gangapath ke Bhagirath aakhyan (विहंगम: गंगापथ के भगीरथ आख्यान)
Material type:
- 9780143465751
- H 306.09542 M4V4
Item type | Current library | Item location | Collection | Shelving location | Call number | Status | Notes | Date due | Barcode | |
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Hindi Books | Vikram Sarabhai Library | Rack 46-B / Slot 2579 (3rd Floor, East Wing) | Non-fiction | On Display | H 306.09542 M4V4 (Browse shelf(Opens below)) | Checked out | New Arrivals Books | June 30 -July 06| Available for issue from July 07 2025 | 11/08/2025 | 207968 |
नदी का बदलना संस्कृतियों को बदल देता है। विहंगम इसी बदलाव को समझने की एक छोटी-सी कोशिश है। गंगापथ पर फैली कहानियाँ एक नदी संस्कृति के बनने की कहानी है। वराह का आंदोलन, सरस्वती तट के विस्थापितों के पदचिह्न और अक्षय वट की गवाही, कुंभ और सनातन के विराट होते जाने की कहानी है। इन कहानियों में गंगा के साथ बहती उसकी नहरें भी हैं। जिनका अपना समाजशास्त्र और अर्थशास्त्र है। इन नहरों की कहानियाँ भी भगीरथ प्रयास से बहुत अलग नहीं है। यह पुस्तक नदी के भूगोल को देखने और इस भूगोल के सांस्कृतिक इतिहास की गलियों से गुज़रने का एक प्रयास है।
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