Ikigai: har pal sarthak aur anandmay (इकिगाई: हर पल सार्थक और आनंदमय)
Material type:
- 9780143463825
- 891.43 M4I5
Item type | Current library | Item location | Collection | Shelving location | Call number | Status | Notes | Date due | Barcode | |
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Books | Vikram Sarabhai Library | Rack 47-A / Slot 2600 (3rd Floor, East Wing) | Fiction | Hindi | H 891.43 M4I5 (Browse shelf(Opens below)) | Checked out | 17/09/2025 | 207643 |
इकिगाई एक पारंपरिक जापानी अवधारणा है, जीवन जीने की कला सिखाती है। यह पुस्तक आपकी इकिगाई को खोजने, आपके उद्देश्य या जुनून को पहचानने और इस ज्ञान का उपयोग करके अपने जीवन में वृहत्तर खुशी हासिल करने के बारे में है। यह जरूरी नहीं है कि आपकी इकिगाई कोई बड़ी महत्वाकांक्षा या जीवन का कोई अति महान उद्देश्य हो : यह कुछ सरल और सादगी भरा हो सकता है, जैसे अपने बगीचे की देखभाल करना या अपने कुत्ते को घुमाना। जापान में पली-बढ़ी होने के कारण, युकारी मित्सुहाशी स्वयं ही इस बात को समझती हैं कि जापानी लोगों के लिए इकिगाई का क्या मतलब है। यह पुस्तक आपको अपने जीवन की हर छोटी बात पर ध्यान देने एवं रोजमर्रा के क्षणों का महत्व समझने के लिए प्रोत्साहित करती है क्योंकि आप अपनी खुद की इकिगाई को पहचानना सीख रहे होते हैं। इस पुस्तक में एथलीटों से लेकर लेखकों और व्यवसायियों तक अपनी इकिगाई को साझा करने वाले विभिन्न व्यक्तियों के केस अध्ययन शामिल हैं। अपने आश्चर्यजनक रूप से सरल दर्शन और मुक्तिदायक अवधारणाओं के साथ, यह खूबसूरती से प्रस्तुत पुस्तक एक मार्गदर्शक होगी जिसे आप बार-बार पढ़ना चाहेंगे।
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