Katha Punjab (Part-II) [कथा पंजाब (खंड 2)]
Material type:
- 9788123722399
- H 891.43 K2
Item type | Current library | Item location | Collection | Shelving location | Call number | Status | Date due | Barcode | |
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Hindi Books | Vikram Sarabhai Library | Rack 47-B / Slot 2622 (3rd Floor, East Wing) | On Display | Hindi | H 891.43 K2 (Browse shelf(Opens below)) | Available | 207590 |
कया पंजाब (लंडन्दी) में संकलित कहानियां पंजाबी कथा-साहित्य की नई जमीन तोड़ती दिखाई देगी।बीते वर्षों में पंजाबी परिवेश की चेतना जऔर भावना के रूपों में अपार परिवर्तन हुए हैं।इस संग्रह के लिए कहानियों के चयन में संपादक की दुष्टि इन परिवर्तनों के सूत्रों को पकड़ने पर केंद्रित रही है।इस संकलन में पुराने का यकायक त्याग तो नहीं है पर पुरानी सोच, पुरानी चेतना और पुराने सृजन को मई सोच, नई चेतना, नया सृजन चुनौती देता अवश्प नजर आएगा।संपादक कहते है, "हमारी कया रचना का परिवेश आमतौर पर गांव व करवों का बना हुआ है। हमारे शहर मले ही बड़े-से-बड़े होते जा रहे हैं पर महानगरों का चतन अभी पंजाब में दिखलाई नहीं देता है। पंजाब के कुछ लोग पंजाबसे बाहर महानगरों में जा बसे हैं। उनके माध्यम से महानगरीय दृश्य, दृष्टियां और अंतर्दृष्टिणं पंजाबी साहित्य-सृजन में प्रवेश करने लगी हैं।"जाहिर है कि यह संकलन पंजाब के गांवों, कस्बों के खट्टे-मीठे सपनों और सचाइयों, खुशियों और व्यधानों, सौमनस्यता और नृशंसताओं से पाठकों को परिचित कराएगा।इसके संपादक, संकलन श्री हरिभजन सिंह पंजाबी साहित्य के सुविख्यात कवि तथा आलोचक हैं और कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित हैं।पूरे भारतवर्ष में इनका माम बड़े आदर से लिया जाता है।संपूर्ण जीवन इन्होंने साहित्य साधना तथा आमापन में बिताया।इनकी महत्वपूर्ण पुस्तकें हैं-तार तुपकर, लासां, सड़क दे सफे ते, रुखते रिसी, चोता टाकियां बाता आदि।अनुवादक श्री.सुभाष नौरव की पंजाबी तथा हिन्दी-दोनों भाषाओं पर अच्छी पकड़ है।अनुवादक के रूप में इन्हें पर्याप्त प्रतिष्ठा हासिल है।
https://www.nbtindia.gov.in/books_detail__1__aadan-pradan__1390__katha-punjab-part-ii-.nbt
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