Azadi kee chhaon mein (आज़ादी की छाँव में)
Material type:
- 9788123731933
- 891.900 K4A9
Item type | Current library | Item location | Collection | Shelving location | Call number | Status | Date due | Barcode | |
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Hindi Books | Vikram Sarabhai Library | Rack 44-A / Slot 2479 (3rd Floor, East Wing) | On Display | Hindi | H 891.900 K4A9 (Browse shelf(Opens below)) | Available | 207587 |
भारत से पाकिस्तान और पाकिस्तान से लुटपिट और उजड़कर आने वाले रिफ्यूजी जिस पीड़ा और यातनाओं से गुजरे हैं और जिस तरह धूर्त और लालची लोगों ने मानवता को ताख पर रखकर उन्हें लूटा-खसोटा, शोषित किया उसका चश्मदीद दस्तावेज है बेगम अनीस क्रिदवई की यह कृति आजादी की छांव में। जब व्यक्ति स्वार्थ में अंधा होकर इंसान से हैवान बनता है तब न वह अपने पराए में फर्क कर सकता है न मजहब में। उसका एक ही मकसद होता है. हर मजलूम और बेकस की मजबूरी का फायदा उठाना। धार्मिक उन्माद और कट्टरता, देश और समाज के लिए कितनी बातक हो सकती है, इसका अनुमान इसे पढ़कर सहज ही हो जाता है। विभाजन की उस विभीषिका के बारे में सोचकर ही रूह कांप जाती है। बेगम अनीस क्रिदवई एक गैर सरकारी स्वयंसेवी के रूप में बंटवारे के कारण मुसीबतजदा रिफ्यूजियों के लिए निःस्वार्थ भाव से तन-मन लगाकर सेवा करती रहीं। साथ ही वह एक डायरी भी लिखा करती थीं। दिल हिला देने वाली जिन घटनाओं ने उन पर गहरा असर छोड़ा था, उन्हीं को उन्होंने 'आजादी की छांव में में कलमबद्ध किया है।
https://www.nbtindia.gov.in/books_detail__1__aadan-pradan__528__azadi-kee-chhaon-mein-hindi-.nbt
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