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Antariksh pari: Sunita Williams (अंतरिक्ष परी: सुनीता विलियम्स)

By: Contributor(s): Material type: TextTextPublication details: New Delhi Prabhat Prakashan 2010Description: 93 pISBN:
  • 9788173156519
Subject(s): DDC classification:
  • H 927.9 S4A6
Summary: अंतरिक्ष परी: सुनीता विलियम्स भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष वैज्ञानिक सुनीता विलियम्स का नाम आज कौन नहीं जानता! यह नाम है एक ऐसी असाधारण महिला का, जिनके नाम अनेक रिकॉर्ड दर्ज हो चुके हैं। उन्होंने अंतरिक्ष में 194 दिन, 18 घंटे रहकर विश्‍व रिकॉर्ड बनाया। यह पुस्तक उसी अप्रतिम महिला की असाधारण इच्छाशक्‍ति, दृढ़ता, उत्साह तथा आत्मविश्‍वास की कहानी है। उनके इन गुणों ने उन्हें एक पशु-चिकित्सक बनने की महत्त्वाकांक्षा रखनेवाली छोटी बालिका से एक अंतरिक्ष-विज्ञानी, एक आदर्श प्रतिमान बना दिया। अंतरिक्ष में अपने छह माह के प्रवास के दौरान वे दुनिया भर के लाखों लोगों के आकर्षण का केंद्र बनी रहीं। सुनीता समुद्रों में तैराकी कर चुकी हैं, महासागरों में गोताखोरी कर चुकी हैं, युद्ध और मानव-कल्याण के कार्य के लिए उड़ानें भर चुकी हैं, अंतरिक्ष तक पहुँच चुकी हैं और अंतरिक्ष से अब वापस धरती पर आ चुकी हैं और एक जीवित किंवदंती बन गई हैं। प्रस्तुत कृति में उनके जीवन के अनेक महत्त्वपूर्ण, रोचक एवं प्रेरक प्रसंग वर्णित हैं। प्रत्येक आयु वर्ग के पाठकों के लिए पठनीय व संग्रहणीय कृति।. https://www.amazon.in/-/hi/Aradhika-Sharma/dp/9351864715
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Item type Current library Item location Collection Shelving location Call number Status Date due Barcode
Hindi Books Vikram Sarabhai Library Rack 46-B / Slot 2594 (3rd Floor, East Wing) Non-fiction Hindi H 629.130092 S4A6 (Browse shelf(Opens below)) Available 177943

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अंतरिक्ष परी: सुनीता विलियम्स भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष वैज्ञानिक सुनीता विलियम्स का नाम आज कौन नहीं जानता! यह नाम है एक ऐसी असाधारण महिला का, जिनके नाम अनेक रिकॉर्ड दर्ज हो चुके हैं। उन्होंने अंतरिक्ष में 194 दिन, 18 घंटे रहकर विश्‍व रिकॉर्ड बनाया। यह पुस्तक उसी अप्रतिम महिला की असाधारण इच्छाशक्‍ति, दृढ़ता, उत्साह तथा आत्मविश्‍वास की कहानी है। उनके इन गुणों ने उन्हें एक पशु-चिकित्सक बनने की महत्त्वाकांक्षा रखनेवाली छोटी बालिका से एक अंतरिक्ष-विज्ञानी, एक आदर्श प्रतिमान बना दिया। अंतरिक्ष में अपने छह माह के प्रवास के दौरान वे दुनिया भर के लाखों लोगों के आकर्षण का केंद्र बनी रहीं। सुनीता समुद्रों में तैराकी कर चुकी हैं, महासागरों में गोताखोरी कर चुकी हैं, युद्ध और मानव-कल्याण के कार्य के लिए उड़ानें भर चुकी हैं, अंतरिक्ष तक पहुँच चुकी हैं और अंतरिक्ष से अब वापस धरती पर आ चुकी हैं और एक जीवित किंवदंती बन गई हैं। प्रस्तुत कृति में उनके जीवन के अनेक महत्त्वपूर्ण, रोचक एवं प्रेरक प्रसंग वर्णित हैं। प्रत्येक आयु वर्ग के पाठकों के लिए पठनीय व संग्रहणीय कृति।.

https://www.amazon.in/-/hi/Aradhika-Sharma/dp/9351864715

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