Dollar bahu (डॉलर बहू)
Material type:
- 8173153507
- H 891.43 M8D6
Item type | Current library | Item location | Collection | Shelving location | Call number | Status | Date due | Barcode | |
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Hindi Books | Vikram Sarabhai Library | Rack 47-A / Slot 2613 (3rd Floor, East Wing) | Fiction | Hindi | H 891.43 M8D6 (Browse shelf(Opens below)) | Available | 159719 |
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H 891.43 M4I5 Ikigai: har pal sarthak aur anandmay (इकिगाई: हर पल सार्थक और आनंदमय) | H 891.43 M4P2 Par-stree | H 891.43 M8A2 Aawan | H 891.43 M8D6 Dollar bahu (डॉलर बहू) | H 891.43 M8K4 Khandhar bolte hai | H 891.43 M8M2 Main tumse kuchh kehna chahati hun | H 891.43 N2 Nav durghatna |
श्रीमती सुधा मूर्ति जी कन्नड़ भाषा की लोकप्रिय और प्रतिष्ठित लेखिका हैं । हिंदी में प्रकाशित आपका पहला उपन्यास ' महाश्वेता ' काफी लोकप्रिय सिद्ध हुआ है । दूसरा उपन्यास ' डॉलर बहू ' भी इसी प्रकार हिंदी का कंठाभरण बनेगा; ऐसी आशा है ।
शामण्णा जी शिक्षक हैं; जो साधारण परिवार के हैं । गौरम्मा उनकी धर्मप्राण धर्मपत्नी हैं । इनके दो पुत्र हुए-चंद्रशेखर और गिरीश । एक पुत्री भी है सुरभि । चंद्रशेखर को विनुता से प्रेम हो गया; पर उसे अमेरिका जाना पड़ा । इसी बीच छोटे भाई गिरीश से विनुता का विवाह हो जाता है । चंद्रशेखर का विवाह धनाढ्य घर की बेटी जमुना से हुआ । वे दोनों अमेरिका में ही रहने लगे । जमुना को डॉलर से प्रेम था । गौरम्मा भी सर्वगुण- संपन्न विनुता की अपेक्षा जमुना को डॉलर के कारण अधिक चाहती थी ।
फिर गौरम्मा अपने बेटे और बहू के पास अमेरिका चली जाती है । बहुत दिनों तक वहाँ रहने पर गौरम्मा को अपनी डॉलर बहू और डॉलर-प्रेम से नफरत हो जाती है और वह भारत लौट आती है । अब वह विनुता को महत्त्व देना चाहती है; पर गिरीश और विनुता; दोनों घर छोड़कर अलग शहर में रहने लगे थे । इस प्रकार गौरम्मा के लिए यह कहावत चरितार्थ होती है-' माया मिली; न राम ' ।
भारत लौटकर गौरम्मा कहती है; ' मुझे न वह स्वर्ग चाहिए न वह सुख! हमारा वतन सुंदर है; हमारा गाँव है अच्छा !'. .मुझे तो विनुता की याद सता रही है । '
इस उपन्यास में भारतीय अस्मिता और स्वाभिमान का पुनरुत्थान है । अमेरिका और डॉलर के चाकचिक्य से निभ्रांति इस उपन्यास का केंद्रीय बिंदु है । चरित्रांकण की मार्मिकता और शिल्प का सौष्ठव इस उपन्यास के अतिरिक्त आकर्षण हैं ।
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