Aksharon ki azmat (अक्षरों की अज़मत)
Material type:
- 9780143467250
- H 891.43 P7A5
Item type | Current library | Item location | Collection | Shelving location | Call number | Status | Notes | Date due | Barcode | |
---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|
Hindi Books | Vikram Sarabhai Library | Rack 47-A / Slot 2615 (3rd Floor, East Wing) | Non-fiction | Hindi | H 891.43 P7A5 (Browse shelf(Opens below)) | Available | 207644 |
’अक्षरों की अज़मत’ विभिन्न मंच, समागम, साहित्यिक महोत्सव के साथ-साथ देश के बाहर सरजमीं पर दी गई वे तकरीरें हैं, जो यादगार बन गई हैं। किताब का संपादन इमरोज़ ने किया है। एक ओर अमृता की तकरीरें हमें नया रास्ता-नई सोच की ओर अग्रसर तो करती ही है, तो साथ ही साथ जब इमरोज़ के स्केचेज जब तकरीरों के अंत में दिखता है तो कहीं न कहीं उनमें वह नई जान आ जाती है। हर तकरीर के खत्म होने के साथ दिए गए स्केच काबिले-तारीफ़ हैं। हर बार अमृता को पढ़ते हुए हम कहीं न कहीं अंदर से फ़िल्टर होते हैं और पाठक के तौर पर आसमान तो बड़ा होता ही है, जिसमें हम परिंदों की भांति बहते हैं। इस भेड़चाल के दौर में इनके तकरीरों से गुज़रना हमें मुहब्बत और आदमियत के और करीब ले जाता है।
https://www.penguin.co.in/book/aksharon-ki-azmat-%E0%A4%85%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%B7%E0%A4%B0%E0%A5%8B%E0%A4%82-%E0%A4%95%E0%A5%80-%E0%A4%85%E0%A4%9C%E0%A4%BC%E0%A4%AE%E0%A4%A4/
There are no comments on this title.