Nirale musafir (निराले मुसाफ़िर)
Material type:
- 9789360862794
- 891.43 M2N4
Item type | Current library | Item location | Collection | Shelving location | Call number | Status | Notes | Date due | Barcode | |
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Hindi Books | Vikram Sarabhai Library | Rack 47-A / Slot 2612 (3rd Floor, East Wing) | Fiction | Hindi | H 891.43 M2N4 (Browse shelf(Opens below)) | Available | New Arrivals | Books |23-29 December| Issue from 30th December, 2024 | 207651 |
जैसे ही वे अपनी देहरी लाँघकर एक अजनबी दुनिया में कदम रखते हैं, घर की दूरस्थ, व्याकुल यादें, विदेशी धरती पर बेचेहरा हो जाने का अहसास और असुरक्षा-बोध के भयावह दौरे उन्हें आ घेरते हैं।
मार्केस के हास्यबोध, भावनात्मक ऊष्मा और विशिष्ट रंगों के साथ ये अनोखे मुसाफिर जान पाते हैं कि किसी लैटिन अमेरिकी का यूरोप में भटक जाना या किसी का भी अपने घर से दूर जीवन बिताना क्या होता है; और इन मुसाफिरों में शामिल हैं एक वृद्धा जो अपने कुत्ते को इस बात की ट्रेनिंग दे रही है कि उसके मरने के बाद वह उसकी कब्र पर रोया करे, एक पति जो अपनी घायल पत्नी के जीवन को लेकर बेहद परेशान और भयभीत है, और एक बूढ़ा जो अपने मन को पेरिस से एक लम्बी उड़ान पर भटकने को छोड़ देता है....
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