Bindu-bindu vichar (बिंदु-बिंदु विचार)
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Item type | Current library | Item location | Collection | Call number | Status | Date due | Barcode |
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Hindi Books | Vikram Sarabhai Library Hindi | Fiction | H 891.438 V2B4-2019 (Browse shelf(Opens below)) | Available | 202815 |
राष्ट्रीयएकताकेसुदृढ़बनानेकेलिएआवश्यकहैकिहमराष्ट्रकीस्पष्टकल्पनालेकरचलें।राष्ट्रकुछसंप्रदायोंअथवाजनसमूहोंकासमुच्चयमात्रनहीं, अपितुएकजीवमानइकाईहै, जिसेजोड- तोड़करनहींबनायाजासकता।इसकाअपनाव्यक्तित्वहोताहै, जोउसकीप्रकृतिकेआधारपरकालक्रमकापरिणामहै।उसकेघटकोंमेंराष्ट्रीयताकीयहअनुभूति, मातृभूमिकेप्रतिभक्ति, उसकेजनकेप्रतिआत्मीयताऔरउसकेसंस्कृतिकेप्रतिगौरवकेभावमेंप्रकटहोतीहै।इसीआधारपरअपने-परायेका, शत्रु-मित्रका, अच्छे-बुरेकाऔरयोग्य-अयोग्यकानिर्णयहोताहै।जीवनकीइननिष्ठाओँतथामूल्योंकेचारोंओरविकसितइतिहासराष्ट्रीयत्वकीभावनाघनी- भूतकरताहुआउसेबलप्रदानकरताहै।उसीसेव्यक्तिकोत्यागऔरसमर्पणकी] पराक्रमऔरपुरुषार्थकी, सेवाऔरबलिदानकीप्रेरणामिलतीहै।
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