Deewar mein ek khirkee rahati thee (दीवार में एक खिड़की रहती थी)

By: Shukla, Vinod KumarMaterial type: BookBookPublication details: New Delhi Vani Prakashan 2004Description: 169 pISBN: 9788170555414Subject(s): Hindi fiction | Hindi novelDDC classification: H 891.4337 Summary: ऐसे नीरस किंतु सरस जीवन की कहानी कैसी होगी? कैसी होगी वह कहानी जिसके पात्र शिकायत करना नहीं जानते, हाँ! जीवन जीना अवश्य जानते हैं, प्रेम करना अवश्य जानते हैं, और जानते हैं सपने देखना। सपने शिकायतों का अच्छा विकल्प हैं। यह भी हो सकता है कि सपने देखने वालों के पास और कोई विकल्प ही न हो। यह भी हो सकता है कि शिकायत करने वाले यह जानते ही ना हों कि उन्हें शिकायत कैसे करनी चाहिये। या तो यह भी हो सकता है कि शिकायत करने वाले यह मानते ही न हों कि उनके जीवन में शिकायत करने जैसा कुछ है भी! ऐसे ही सपने देखने वाले किंतु जीवन को बिना किसी तुलना और बिना किसी शिकायत के जीने वाले, और हाँ, प्रेम करने वाले पात्रों की कथा है विनोदकुमार शुक्ल का उपन्यास “दीवार में एक खिड़की रहती थी”। http://www.vaniprakashan.in/details.php?lang=H&prod_id=2121&title=%E0%A4%A6%E0%A5%80%E0%A4%B5%E0%A4%BE%E0%A4%B0%20%E0%A4%AE%E0%A5%87%E0%A4%82%20%E0%A4%8F%E0%A4%95%20%E0%A4%96%E0%A4%BF%E0%A5%9C%E0%A4%95%E0%A5%80%20%E0%A4%B0%E0%A4%B9%E0%A4%A4%E0%A5%80%20%E0%A4%A5%E0%A5%80
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Hindi Books Vikram Sarabhai Library
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Fiction H 891.4337 S4D3 (Browse shelf(Opens below)) Available 201611

ऐसे नीरस किंतु सरस जीवन की कहानी कैसी होगी? कैसी होगी वह कहानी जिसके पात्र शिकायत करना नहीं जानते, हाँ! जीवन जीना अवश्य जानते हैं, प्रेम करना अवश्य जानते हैं, और जानते हैं सपने देखना। सपने शिकायतों का अच्छा विकल्प हैं। यह भी हो सकता है कि सपने देखने वालों के पास और कोई विकल्प ही न हो। यह भी हो सकता है कि शिकायत करने वाले यह जानते ही ना हों कि उन्हें शिकायत कैसे करनी चाहिये। या तो यह भी हो सकता है कि शिकायत करने वाले यह मानते ही न हों कि उनके जीवन में शिकायत करने जैसा कुछ है भी! ऐसे ही सपने देखने वाले किंतु जीवन को बिना किसी तुलना और बिना किसी शिकायत के जीने वाले, और हाँ, प्रेम करने वाले पात्रों की कथा है विनोदकुमार शुक्ल का उपन्यास “दीवार में एक खिड़की रहती थी”।

http://www.vaniprakashan.in/details.php?lang=H&prod_id=2121&title=%E0%A4%A6%E0%A5%80%E0%A4%B5%E0%A4%BE%E0%A4%B0%20%E0%A4%AE%E0%A5%87%E0%A4%82%20%E0%A4%8F%E0%A4%95%20%E0%A4%96%E0%A4%BF%E0%A5%9C%E0%A4%95%E0%A5%80%20%E0%A4%B0%E0%A4%B9%E0%A4%A4%E0%A5%80%20%E0%A4%A5%E0%A5%80

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