Jeevan ki rasdhara (जीवन की रसधारा)

Agnihotri, Vivek Ranjan

Jeevan ki rasdhara (जीवन की रसधारा) - 1st ed. - Gurugram Garuda Books 2023 - 201 p. : ill.

यह पुस्तक एक पहल है, जो मुझे आशा देती है कि पुस्तकों की दुनिया में यह एक नये युग की शुरुआत करेगी| हम सभी के अंदर जन्म से रचनात्मकता की अभिव्यक्ति की अद्भुत शक्ति है। इस शक्ति के प्रति जागरूकता लाने के लिये और हमारे बीच संबंध स्थापित करने के लिये, मैंने इस पुस्तक को इंटरनेट (www.vivekagnihotri.com/thebookoflife) से जोड़ा है। यहाँ, आप इस पुस्तक में लिखी गयी कहानियों पर अपने विचार व्यक्त कर सकते हैं और अपना दृष्टिकोण साझा कर सकते हैं, जिससे यह पुस्तक संवादात्मक बन जायेगी; तभी 'जीवन की रसधारा' को उसका सही अर्थ मिलेगा।

मैं, आप सभी पाठकों से किसी भी विषय पर कहानी लिखने और उसे इस वेबसाइट के माध्यम से मेरे साथ साझा करने के लिये आग्रह करता हूँ; हम इन कहानियों को www.vivekagnihotri.com/stories पर प्रकाशित करेंगे। मैंने हमेशा लोगों को लेखन के प्रति और सृजनात्मकता के प्रति प्रोत्साहित किया है। मेरा ऐसा विश्वास है कि हम में से हर कोई कहानी लिख सकता है, क्योंकि हम में से हर कोई 'कल्पना' कर सकता है। जैसे कि कोई तीन शब्द लें - सैनिक, युद्ध और पदक। अब अगर इन तीन शब्दों को लेकर आप कल्पना करें तो आपके मन में क्या आता है? शायद... एक सैनिक की कहानी जिसने बहादुरी से युद्ध लड़ा और पदक प्राप्त किया... इस प्रकार एक कहानी शुरू होती है... अब इस कहानी का विस्तार किया जा सकता है, जैसे कि युद्ध कैसे शुरू हुआ? क्या परिस्थितियाँ थीं? क्या परिणाम हुआ? इत्यादि।

अगर देखा जाये तो यह जीवन भी एक कहानी है। वस्तुतः यह संसार ही एक कहानी है तभी तो इसे माया कहा गया है।आप भी एक कलम उठाएँ और अपनी कहानी लिखें; इसे मेरे साथ साझा करें और जब हमारे पास पर्याप्त कहानियाँ एकत्रित हो जाएँगी, तो हम सर्वश्रेष्ठ कहानियों का चयन करेंगे और उन्हें 'जीवन की रसधारा - भाग 2' में प्रकाशित करेंगे जो आपके जीवन की पुस्तक, मेरी जीवन की पुस्तक और हमारे जीवन की पुस्तक बनेगी।


https://garudabooks.com/jeevan-ki-rasdhara-saphalata-ke-liye-buddh-ke-saath-mera-aadhyaatmik-nritya

9798885751377


Agnihotri, Vivek Ranjan - Autobiography


Spirituality
Buddhism - Philosophy

H 809.9353 / A4J3